सेक्स को तड़पती बेटी की कहानी

अभी शाम होने को आयी थी। आज ना जाने क्यों मुझे घर में अकेला-अकेला लग रहा था। वो मौसम होता है ना, आंधी के बाद वाला। खुला आसमान, मंदी हवा, आसमान का रंग हल्का सा केसरी, और मेरी मदहोशी और पागलपन को बढ़ता हुआ। छोटा भाई अभी बहार डोल रहा होगा। माँ नीचे खाने की … Read more

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