Vasna Ke Khel Me Naya Lund Alag Hi Maza Deta Hai

New Desi Housewife Ki Chudai दोस्तों मेरी शादी हो चुकी है और मेरे पति मुझे खूब चोदते है, उनसे मुझे पूरी संतुष्टि मिलती है, लेकिन दोस्तों शरीर की भूख अलग होती है जितनी मिले उतनी कम लगती है, नये-नये पकवान किसको पसंद नहीं होते? ऐसे ही वासना के खेल में नया शरीर नया लंड एक अलग ही मज़ा देता है, एक जैसी रोटी खाते-खाते आदमी थक सा जाता है, इसलिए मुझे भी किसी और से सेक्स करने की भूख बढ़ने लगी. अब में अपने पति से थोड़ा बोर हो गयी थी, लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था. Vasna Ke Khel Me Naya Lund Alag Hi Maza Deta Hai.

फिर एक दिन मेरे पति ने गंगटोक जाने का प्रोग्राम बनाया, उनके एक दोस्त की नयी-नयी शादी हुई थी और वो भी हमारे साथ ही चल रहे थे. वैसे भी हम शादी के बाद काफ़ी समय से कहीं घूमने नहीं गये थे, इसलिए मैंने हाँ कह दी और उनके दोस्त का यह हनिमून था. फिर हम रात को गाड़ी पर निकले, उनके दोस्त का नाम रितेश और उसकी पत्नी का नाम कोयल था, वो बहुत ही खूबसूरत गोरे रंग की लड़की थी और उसके बूब्स बहुत सेक्सी थे.

मेरे पति को कभी कभी रितेश की किस्मत पर नाज होता था. रितेश 6 फुट का अच्छा ख़ासा नौजवान था. मुझे तो वो पहली नजर में ही खूबसूरत और हैंडसम लग रहा था और में उन दोनों के साथ सेक्स का मज़ा लेने का ख्वाब देखने लगी थी, लेकिन यह इतना आसान नहीं था. अब में यह सोच-सोचकर गर्म हो रही थी कि रितेश अपनी इतनी खूबसूरत पत्नी को जमकर चोदता होगा.

अब रात के 2 बजते-बजते हम सब ऊंघने लगे थे, लेकिन में तो उत्तेजित हो रही थी. अब रह-रहकर मेरी आँखों के आगे रितेश की अपनी बीवी से सेक्स करने की तस्वीर आँखों में आ रही थी और में अपने बस से बाहर हो रही थी. अब मेरी चूत कुछ-कुछ गीली हो गयी थी. मेरे पति को गहरी नींद में सोने की आदत थी, इसलिए में अपनी आग को ठंडा नहीं कर पा रही थी. अब गाड़ी में अंधेरा था, अब हम दोनों कपल्स आमने सामने बैठे थे.

अब कोयल भी थकी होने के कारण जल्दी सो गयी थी क्योंकि पिछले हफ्ते ही उनकी शादी हुई थी और पूरा एक हफ़्ता प्रोग्राम में मेहमानों के आने जाने में ही लगा रहा था. अब कोयल ने रितेश के कंधे पर अपना सिर रखा हुआ था, अब रितेश भी ऊंघने लगा था.

अब में अंधेरे में ही रितेश की जाँघो पर अपना एक हाथ फैरने लगी थी और धीरे-धीरे उसके लंड को जीन्स के ऊपर से पकड़कर सहलाने लगी थी. मैंने अंधेरे में यह अंदाज़ा लगा लिया था कि रितेश का लंड बड़ा मोटा था. अब मेरी इस हरकत से रितेश जाग गया था, लेकिन उसने इसका कोई विरोध नहीं किया. फिर उसने धीरे से अपनी जीन्स की चैन खोलकर अपना लंड बाहर निकाल लिया. उसका लंड बहुत ही गर्म था, अब में काबू से बाहर हो रही थी.

मैंने झुककर बिना आवाज़ किए उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और बहुत ही ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी. अब उसका लंड मुझे पागल कर रहा था और मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी, लेकिन कुछ मजबूरियाँ थी. फिर मैंने अपनी जीन्स की चैन खोल दी और रितेश ने अपना एक हाथ मेरी पेंटी में डाल दिया और मेरी चूत को मसलने लगा, वो मंझा हुआ खिलाड़ी था और अपने एक हाथ से मेरे बूब्स को मेरी टी-शर्ट के ऊपर से ही मसलने लगा था.

अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और बीच-बीच में उसने मौका देखकर की ड्राइवर को पता ना चले, मेरे होंठो को भी चूसा. तो तभी उसने अपनी एक-एक करके अपनी तीन उँगलियों को मेरी चूत में घुसा दिया और उनसे मुझे चोदने लगा. फिर 15-20 मिनट में हम दोनों शांत हो गये, लेकिन मेरी चूत तो उसके रसीले लंड का स्वाद लेना चाहती थी.

फिर हम अगले दिन दोपहर तक गंगटोक पहुंच गये और एक होटल में अगल-बगल के कमरे बुक कर लिए. फिर कमरे में आते ही मेरे पति ने अचानक से पीछे से मुझे अपनी बाँहों में ले लिया और मेरे बूब्स पकड़ लिए. अब में अपनी गांड पर उनके खड़े लंड को महसूस कर रही थी. फिर धीरे-धीरे उन्होंने मुझे पूरा नंगा कर दिया और खुद भी नंगे हो गये और अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया, तो मैंने उनका लंड खूब चूसा और इसके बाद उन्होंने मुझे बहुत देर तक चोदा और फिर हम सो गये.

फिर शाम को हम सब बाज़ार में घूमने गये और खाना बाहर से खाकर आए. अब पूरे रास्ते रितेश और में तिरछी आँखो से एक दूसरे को देखते रहे थे. अब में उसके लंड को अपनी आँखों से देखना चाहती थी और उसके लंड को अपनी चूत का पानी पिलाना चाहती थी और उसकी बीवी को देखकर भी मेरा मन हिचकोले खा रहा था. फिर होटल में वापस आकर मेरे पति ने एक बार फिर से अपनी हवस मिटाई, लेकिन मेरी हवस तो कुछ और ही थी.

मेरे पति के सो जाने के बाद में धीरे से रितेश के रूम की खिड़की की तरफ गयी और अंदर झाँकने की कोशिश की. अब रितेश अपनी बीवी को चोद रहा था, अब मुझे यह सब देखकर बड़ा मज़ा आ रहा था, उसका चोदने का स्टाइल बहुत ही अलग था, उसने कोयल को कई तरीक़ो से चोदा था. अब मुझे कुछ-कुछ होने लगा था और में अपनी उंगलियों से अपनी गीली चूत को मसल रही थी, अब मेरी बेताबी बढ़ रही थी. फिर 1 घंटे तक इतंजार करने के बाद में कमरे में आ गयी. अब रितेश और कोयल नंगे सो रहे थे, अब रितेश का लंड देखकर मुझे कुछ हो रहा था.

फिर मैंने धीरे से रितेश की जांघों पर अपना एक हाथ फैरा, तो वो उठ गया और हम दोनों दूसरे कमरे में आ गये और मैंने बिना एक पल गंवाये रितेश का लंड पकड़ लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी. अब रितेश के मुँह से आह ओह की आवाज़े आने लगी थी, अब हम दोनों बहुत गर्म हो गये थे. फिर रितेश ने जल्दी से मेरी नाइटी उतार दी और मेरे बूब्स का रस पीने लगा और अपने एक हाथ से मेरी चूत को सहलाने लगा. उसका लंड बहुत लंबा और मोटा था. “Vasna Ke Khel Me Naya”

ऐसा लंड मैंने पहले कभी नहीं देखा था. फिर 10-15 मिनट के बाद उसने मुझे नीचे लेटाया और एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी चूत में धकेल दिया, तो मेरी दर्द से चीख निकल गयी, लेकिन रितेश ने मेरे मुँह पर अपना एक हाथ रख दिया. मैंने इतना मोटा लंड पहले कभी भी अपनी चूत में नहीं लिया था, इसलिए मुझे बहुत दर्द हो रहा था. अब रितेश ने धक्के मारना रोककर अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिए और मुझे जानवरों की तरह चूसने लगा था. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर कुछ देर में मेरा दर्द कम हो गया तो उसने धक्के लगाने फिर से शुरू किए. अब धीरे-धीरे उसके धक्को की स्पीड बढ़ती जा रही थी और में भी अपनी चूत उछाल-उछालकर चुदने का मज़ा लेती रही. फिर मैंने रितेश के लंड की स्वारी की तो उसने मेरे बूब्स को जानवरों की तरह नोचा और मेरे पूरे शरीर को जी भरकर चूसा और फिर मुझे कुत्ते की तरह खड़ा करके चोदा. इस स्टाइल में मुझे और भी मज़ा आया. फिर कुछ देर के बाद मेरी दोनों टांगो को अपने कंधो पर रखकर अपने लंड को एक बार फिर से मेरी चूत में डाल दिया. उसकी सेक्स पॉवर गजब की थी, वो पिछले 1 घंटे से मुझको चोद रहा था.

10-15 मिनट के बाद में झड़ गयी और थोड़ी ही देर में उसने अपना लंड बाहर निकालकर अपना सारा माल मेरे मुँह पर उड़ेल दिया. फिर हमने एक दूसरे को खूब चूमा और लेट गये और मैंने उससे उसकी बीवी के साथ अपनी सेक्स करने की इच्छा बताई, तो उसने कोयल से पूछूँगा कहकर टाल दिया और तब में अपने कपड़े पहनकर अपने कमरे में आ गयी और चुपचाप सो गयी. तो दोस्तों इस तरह उस रात मैंने अपनी इच्छा पूरी की और अपनी चूत की आग को ठंडा किया.

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