ऑफिस के चपरासी और रोज़ी मैडम की चुदाई

बात उन दिनों की हैं जब मैं भोपाल से अपनी ट्रेनिंग निपटा के पहली बार हमारे रीवा ऑफिस में गया था. मैं उन दिनों 19 साल मात्र का एक नया कोर्पोरेट प्रे यानी की शिकार था. शिकार इसलिए क्यूंकि साले यहाँ पे सब मेरी पुंगी बजाते रहते थे. जूनियर था ना इसलिए काम गधे के जैसे लादा जाता था. Free Indian Chut Porn

ऑफिस के ही माथुर सर, रोज़ी मेडम और कुंदन साब सब अपने जिम्मे का काम भी मुझ से करवाते फिरते थे. रोज़ी का काम तो फिर भी मैं बाथरूम में उसकी सेक्सी चूत की याद में मुठ मारने के बदले में कर दे सकता था लेकिन यह दोनों लौड़ो के उपर मुझे शुरू से ही गुस्सा आता था.

चलिए अब मैं आप को रोज़ी मेडम के बारे में बताता हूँ. उसकी उम्र कुछ 40 के करीब हैं और वो एक मोडर्न पहरवेश और खयालो वाली महिला हैं. उसकी बड़े सेक्सी चुंचे और उभरी हुई गांड देख के आप मनोमन यह अंदाजा जरुर लगा सकते हैं की उसकी चूत जरुर एक सेक्सी चूत होंगी.

बस हमारे नसीब में ऐसी सेक्सी चूत और गांडो के बारे में सोच सोच के मुठ मारना ही लिखा था तभी तो 18 साल के उपर 14 महीने होने के बाद भी हम अपना हाथ विश्नाथ किये हुए थे. दिन निकलते गए और मैं रोज इन तीनो को ढेर सारी गालियाँ देते हुए उनका काम करता था.

यह ऑफिस छोटा सा था और मेरे इन तीनो और हमारे सब के बॉस कमलेश के अलावा यहाँ पे एक लोकल अंकल नौकरी करते थे. यह अंकल जिनका नाम रामसरण था वो यहाँ पे चपरासी थे जो सब को चाय पानी देना और दुसरे छोटे काम करने के लिए रखे गये थे.

मैं उन्हें पहले से अंकल कह के बुलाता था लेकिन उन्होंने मुझे कहा की मेरी उम्र उतनी भी नहीं हैं की मुझे अंकल कहो सर, आप मुझे रामसरण ही कहिए. पहले तो अजीब लगता था लेकिन मैं उन्हें रामसरण ही कहने लगा उसके बाद से. मैं अक्सर उन्हें टिप और काम से बचे हुए पैसे ऐसे ही दे देता था इसलिए हम दोनों काफी घुल मिल गए थे.

एक दिन इन तीनो ने मुझे एक बड़ी फ़ाइल दे दी इसलिए मुझे काम निपटाते हुए शाम के साढे सात हो गए. रामसरण मेरी ऑफिस में ही बैठ के मेरा काम निपटने का इन्तेजार कर रहे थे. उन्हें ऑफिस को ताला लगा के घर जाना था. मैं अभी भी मनोमन गाली दे रहा था उन लोगो को. रामसरण ने मुझे पूछा, “अरे साहब क्या हो गया इतने गुस्से में क्यों हो?”

मैं: अरे वो बेन्चोद तीनो रोज मुझे अपना काम भी दे देते हैं. साला जूनियर हूँ इसिलए गांड में डंडा दिए हुए हैं.

रामसरण: कौन?

मैं: अरे और कौन. माथुर, रोज़ी और कुंदन…!

रामसरण: अच्छा, बाकी दो का तो पता नहीं लेकिन रोज़ी से आपका पीछा हम छुडवा सकते हैं.

मेरे चहरे पे आश्चर्य के भाव आ गए और मैंने रामसरण की तरफ देखा. उसके मुहं के भाव ऐसे ही थे जैसे हमेंशा होते थे. मैं सोच रहा था ऑफिस का चपरासी एक सीनियर का पंगा कैसे दूर करेगा भला? मैंने उसकी आँख में आँख डाली और कहा, “भला तुम मुझे इसमें कैसे मदद कर सकते हो?”

रामसरण: रोज़ी मेरे क्लास में पढ़ती थी, कोलेज के सेकंड इयर के बाद मुझे घर की परिस्थिति के चलते काम करना पड़ा और पढाई छुट गई. लेकिन उसके पहले कोलेज के पहले दुसरे साल मेरा और रोज़ी का अफेर था. हम जम के चुदाई करते थे. शादी तक के लिए तैयार थे. लेकिन फिर रोज़ी को नौकरी के लिए मुंबई जाना पड़ा और वो जब दो साल के बाद मुझे मिली तो उसकी शादी हो चुकी थी.

रामसरण की आँखे झुकी थी. उसने लंबी सांस लेते हुए बात को आगे चालू रखा. “और किस्मत तो देखिए, रोज़ी की नौकरी उसके बाद इसी ऑफिस में लगी और वो फिर से मेरे जीवन में आ गई. मैं नहीं चाहता था फिर भी मैं उसके साथ सेक्स करता हूँ. किसी को बताना मत लेकिन यह ऑफिस के हरेक कक्ष में हम चुदाई कर चुके हैं.”

मेरे मुहं से हंसी निकल पड़ी, क्यूंकि मैं इसे मजाक ही समझ रहा था. जिस सेक्सी चूत को सोच सोच के मैं मुठ मारता था क्या वो सेक्सी चूत इस चपरासी से चुद रही थी. मुझे लगा की रामसरण मेरा दिल बहलाने के लिए मुझे यह सब कह रहा हैं. मैंने उसे कहा, “मैं सच बताऊँ, रोज़ी मेडम की सेक्सी चूत को सोच के मैं भी हस्तमैथुन करता हूँ. लेकिन आपकी तरह मैं सपने दिन में नहीं देखता हूँ.”

रामसरण के भंवे उपर उठे और वो बोला, “साहब जी चपरासी का लंड क्या लंड नहीं होता हैं. अगर मैं आप को रोज़ी की सेक्सी चूत कल शाम को दिखा दूँ तो. फिर मानेंगे आप मेरी बात को.”

मैंने उसकी ओर देखा और कहा, “चलो फिर आप दिखा दो मुझे कल. मैं फिर तो मानूंगा ही ना.”

रामसरण ने मुझे दूसरी शाम को ऑफिस में छिपने को कहा, जब सब लोग ऑफिस से घर चले जाएँ. मैंने कहा ठीक हैं. उसने कहा वो बाद में ऑफिस खोलेगा और रोज़ी को स्टोर रूम में ले जाके चोदेंगा. अगर मैं रोज़ी की सेक्सी चूत देखना चाहूँ तो मुझे स्टोर रूम का द्रश्य साफ़ दिखे ऐसे जगह पे छिपना होगा.

मैंने सोचा और मेरे दिमाग में स्टोर के बाजू वाले फ़ाइल के कमरे का ध्यान आया. वह कक्ष बिलकुल स्टोर रूम के बाजू में था और अंदर एक खिड़की भी थी जिस से स्टोर रूम देखा जा सकता था. दुसरे दिन सब के ऑफिस से जाने के बाद मैं फ़ाइल वाले कमरे में जा बैठा.

रामसरण मुझे मिल के गया और बोला की रोज़ी 10-12 मिनिट में ऑफिस से वापस आएगी. मैंने कहा ठीक हैं. उसने मुझे कहा की मैं मोबाइल साइलेंट कर दूँ. वो भी ऑफिस में मुझे कैद कर के चला गया. मैंने अँधेरे में मोबाइल की गेम खेल के 15 मिनिट जितना समय निकाल दिया.

तभी दरवाजे क उपर से आवाज आई. मैंने छिपे रह के देखा की रामसरण रोज़ी मेडम को ले के अंदर आया. उसके हाथ रोज़ी की गांड पर रखे हुए थे और वो उसे खिंच के स्टोर रूम में ले आया. रोज़ी बोली, “अरे रामसरण दो दिन पहले तो तुमने बुलाया था. क्या बात हैं बढती उम्र के साथ लौड़ा दगा दे रहा हैं.”

रामसरण: अरे तेरी सेक्सी चूत रोज नींद की माँ बहन करती हैं. तुम ही बताओ अब तुम्हारे जैसी सेक्सी चूत वाली औरत मिले तो क्या कोई बीवी को चोदेंगा.

रोज़ी ने अपनी काली स्कर्ट उठाई और रामसरण ने तुरंत अंदर की पेंटी निकाल दी. स्टोर रूम में पड़े इस टेबल के उपर रोज़ी अपने दोनों पाँव फैला के लेट गई. रामसरण अल्सेशियन कुत्ते की तरह अपनी बड़ी जबान निकाल के रोज़ी की चूत को चूसने लगा. “Free Indian Chut Porn”

मैंने देखा की रामसरण चूत के दाने को जोर जोर से सक कर रहा था और रोज़ी उसके बालो को पकड़ के उसके मुहं को अपनी चूत में दबा रही थी. रोज़ी के मुहं से सिसकियाँ निकलती जा रही थी, आह आह ओह ओह ओह…बल्लू…आः आह्ह्हह्ह्ह्ह रामू आई लव यु.

उधर रामसरण ने अब अपनी एक ऊँगली पे थूंक लगा के उसे रोज़ी की सेक्सी चूत के अंदर घुसा दिया और वो जोर जोर से उसे ऊँगली से ही चोदने लग गया. रोज़ी ने टांगो को और भी फैला दिया. रामसरण ने अपनी खाखी पेंट की क्लिप खोल दी और अंदर पहने कच्छे को भी खोल डाला.

रोज़ी ने अपने हाथ को लम्बा कर के रामसरण के लंड को हाथ में पकड़ा और उसे सहलाने लगी. रामसरण ने शर्ट भी निकाल दी और खुद भी टेबल के उपर चढ़ बैठा. वो रोज़ी की दोनों टांगो के बिच में बैठा हुआ था. रोज़ी की सेक्सी चूत के उपर उसने अपना सुपाड़ा रख दिया और हलके हलके करते हुए पुरे का पूरा लौड़ा अंदर पेल दिया.

रोज़ी की सिसकियाँ और भी भारी हो गई और वो अपनी गांड उठा उठा के रामसरण से चुदवाने लगी. रामसरण ने रोज़ी के कंधे को एक हाथ से पकड़ा और दुसरे हाथ से कमर को. आह आ अह इ ईईइ आह्ह्ह आ आह आह…..रोज़ी की हालत बड़े लौड़े से चुदाई से ख़राब होती जा रही थी. “Free Indian Chut Porn”

रामसरण बिच बिच में मैं जहाँ पे छिपा इन दोनों की सेक्स लीला देख रहा था उधर नजर फिराता था. वो शायद मुझे नहीं देख सकता था लेकिन मुझे वो साफ़ दिख रहा था. रोज़ी की सिसकियाँ और भी भारी होती गई. रामसरण ने उसकी टांगो को उठा के अपने कंधे पे रख दी और वो उसकी चूत की गहराई तक उसमे लंड डालने लगा.

कुछ 10 मिनिट की मस्त चुदाई के बाद रामसरण ने फट से अपने लंड को बहार किया और उसे हिला के सारी मलाई को सेक्सी चूत और पेट के भाग पे छिडक दिया. रोज़ी की आह आह बंद हुई. रामसरण ने लौड़े को पूरा निचोड़ा और फिर निचे उतर के एक पुरानी फ़ाइल ले के उसके कागज से वीर्य पोंछ लिया.

रोज़ी भी खड़ी हुई और वो लोग कपडे पहन के बहार चले गए. उनके जाते ही मैंने अपने लंड की मलाई भी एक पेपर में निकाल दी. 10 मिनिट के बाद रामसरण आया और उसने मुझे मिस कोल दी. मैं बाहर आया और रामसरण ने कहाँ, “कल से रोज़ी आप को तंग नहीं करेंगी, और बाकी के दो लंड को भी वो देख लेगी….!!!”

मैं मनोमन सोच रहा था की रामसरण रोज़ी की सेक्सी चूत मुझे भी दिला दे तो वह उपकार कितना बड़ा हों?

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