New Brother Sister Chudai, BDSM Sex, हेल्लो दोस्तों आपका दोस्त कपिल दिवाकर फिर से हाज़िर हैं आगे की कहानी लेकर। मेरी पिछली कहानी कातिलाना जिस्म दीदी का मेरे सेक्स की प्यास भड़काने लगी में आप लोगों ने पढ़ा की कैसे मैंने मेरी बहन संगीता की चुदाई की। मैं और संगीता जब तक घर पर थे बहुत चुदाई कर चुके थे, पर अब हमें आगे की पढ़ाई के लिए जयपुर भेज रहे थे। मुझे और संगीता को लगा की हम जयपुर जाकर साथ में रहेंगे और रोज़ चुदाई करेंगे. कातिलाना जिस्म दीदी का मेरे सेक्स की प्यास भड़काने लगी 2.
लेकिन हमारी प्लानिंग उल्टी पड़ गयी, हम दोनों भाई बहन को आगे की पढ़ाई के लिए जयपुर भेज दिया गया. लेकिन मुझे बोय्ज़ हॉस्टल में भेज दिया और संगीता को गर्ल्ज़ हॉस्टल में। फिर हमारी चुदाई वहाँ जाके बंद हो गयी, हम दोनों भाई बहन चुदाई मिस करने लगे थे. फ़ोन पर दीदी बोलती भाई आज तो बहुत चुदने का मन कर रहा हैं कोई कमरे का जुगाड़ कर ले यार कहीं जाकर चुदाई करते हैं।
फिर मैंने सोचा किसी दोस्त के रूम पर बुला कर संगीता को चोद लूँ। पर बोलूँगा क्या की कौन हैं लड़की । हम नए नए जयपुर में आए थे तो किसी को पता नहीं था कि हम दोनों भाई बहन हैं इसलिए हमने किसी को बताया भी नहीं की हम भाई बहन हैं। दूसरे दिन कोलेज के एक दोस्त से बात करके मैंने उसके रूम पर संगीता को लाने का जुगाड़ कर लिया और दोस्त को बोल दिया की मेरी गर्लफ़्रेंड हैं।
संगीता कोलेज बंक करके दोस्त के रूम पर आ गयी रूम बंद करते ही संगीता कुतिया की तरह मेरा लंड निकाल कर चूसने लगी। मैं बोला – दीदी धीरे धीरे कर लो बहुत समय हैं अपने पास। तो दीदी बोली – आज तो काफ़ी दिन हो गये भाई तेरी रंडी को चूसने दे तेरा लंड। फिर काफ़ी देर चुदाई के बाद जब हम नंगे ही लेते हुए थे तो मेरे दिमाग़ में एक तरकीब आयी.
तो मैंने संगीता को बोला – दीदी हम लोग घर पर ये बोल दे की हॉस्टल में खाना अच्छा नहीं मिलता हैं और रहने का भी सही नहीं हैं. इसलिए मम्मी को फ़ोन करके बोलते हैं की हम दोनों भाई बहन एक रूम लेके रह लेंगे जिससे घर जैसा खना भी मिलेगा और खर्च भी कम हो जाएगा। दीदी बोली – तरकीब तो सही हैं मैं आज ही मम्मी से बात करती हूँ तब तक तू रूम ढूँढ कर रख ले और हम कल हाई शिफ़्ट कर लेंगे।
वो बोली – कल से ही चुदाई मिल जाएगी अब मैं और दिन नहीं निकाल पाऊँगी तेरे लंड के बिना। मैंने कहा – मेरे भी कहाँ दिन निकलते हैं दीदी तुम्हारी चूत चाटे बिना। दूसरे दिन हमने मम्मी को माना कर रूम शिफ़्ट कर लिया था। पूरे दिन रूम शिफ़्ट का काम करने के बाद जब रात को हुई तो हम यही इंतेज़ार कर रहे थे की कब बेड पर जाए और कब चुदाई शुरू करे।
जैसे ही फ़्री हुए तो दीदी नहा कर आयी हुई थी ओर मुझे बोला तू भी जल्दी नहा कर आजा तेरी रखैल तेरा इंतेज़ार कर रही हैं। मैं नहा कर जैसे ही बाहर आया तो देखा संगीता पलंग पर एक दम नंगी लेटी हुई थी, संगीता बोली – आजा मेरे बहनचोद भाई तेरी रंडी को आज BDSM सेक्स करना हैं। मैंने संगीता के हाथ पैर पलंग से बांध दिए, और गले में एक पट्टा डाल दिया.
फिर उसके चूचियों पर ज़ोर ज़ोर से दो चाँटे लगाए जिससे वो पूरी सकपका गयी और जोश में बोली और मार साले बहनचोद और ज़ोर से मार। फिर मैंने संगीता के ऊपर बेठ कर मेरे लंड को उसके मुँह में घुसा दिया और ज़ोर से दबा दिया। उसकी साँसे रुकने लगी थी वो तड़पने लगी तब मुँह से लंड बाहर निकाल कर बोला – बहन की लौड़ी रंडी साली आज तेरी गाँड़ मारूँगा।
संगीता बोली – बहनचोद आज मुझे ऐसे चोद जैसे पहले कभी नहीं चोदा हो तूने मुझे। तब मैंने संगीता को खोल कर घोड़ी बना दिया और उसकी पेंटी से उसका मुँह बांध कर पीछे की तरफ़ खिचा जिससे उसे थोड़ा दर्द होने लगा. फिर उसकी गाँड़ पर मेरे बेल्ट से पिटाई करना शुरू कर दिया उसको उसमें दर्द भी हो रहा था पर मज़ा भी आ रहा था, वो जोश से भरी जा रही थी।
तब मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा थूक मलकर उसकी गाँड़ में घुसा दिया। संगीता आवाज़ें निकलने लगी – आह्ह्ह्ह उम्मम्म और ज़ोर से कर और ज़ोर से उम्मम्म आह्ह्ह पुरा घुसा दे अंदर आह्ह्ह्ह। फिर मैंने संगीता की गाँड़ मार कर पुरा माल उसकी गाँड़ में ही छोड़ दिया। उसके बाद हम नंगे ही सो गए। हम हम दोनों भाई बहन पहले की तरह रोज़ चुदाई करने लगे थे।
हमने वहाँ ज़्यादा दोस्त भी नहीं बनाए ताकी हम दोनों के बारे में किसी को पता नहीं चले मेरे एक दो दोस्त थे जिनको मैंने बता रखा था की मेरी गर्लफ़्रेंड है। फिर समय के साथ हमारे खर्चे बढ़ गए घर से लिमिटेड पैसे मिलते थे हम भाई बहन के शौक़ मोज पूरे नहीं होते थे। तो एक दिन मैंने संगीता को बोला- दीदी एक बात बोलूँ। संगीता बोली- बोल क्या बात हैं ।
मैं बोला – दीदी हम अपनी मौज मस्ती पुरी करने के लिए पैसे का जुगाड़ अपने आप कर सकते हैं। वो बोली – कैसे ?? मैं कहा – दीदी मेरे कुछ दोस्त हैं जिनकी गर्लफ़्रेंड नहीं हैं और सेक्स के लिए मरते हैं, रोज़ मूठ मारके खुद को शांत करते है, अगर तुम चाहो तो उनसे पैसे के लिए चुदवा सकते हैं। पहले तो संगीता को बात समझ नहीं आयी पर बाद में उसको लगा की बात तो सही हैं अच्छे ख़ासे पैसे मिल जाएँगे एक चुदाई के और लंड लेने की तो उसकी आदत हाई हो गयी थी।
मैं बोला – तो फिर दीदी बात करूँ किसिसे? संगीता बोली – करले फिर आज बुला लेना रात को। उसी रात मैंने एक दोस्त को बुला लिया ये बोलकर की मेरे पास एक लड़की हैं तू उसे चोद सकता हैं। वो फट से हर चीज़ के लिए तैयार हो गया और रात को आ गया कोंडोम साथ में लेके। उसको मैंने दीदी के रूम में भेज दिया और बाहर से बंद क़रके मैं रूम की खिड़की से देखने लगा.
वो बंदा सेक्स का पुरा भूखा था उसने अंदर जाते ही बिना शर्म के सीधा दीदी को पकड़ कर चूमने लगा, संगीता पहले तो थोड़ी असहज हो रही थी पर बाद में उसका साथ देने लगी। उसने दीदी को चूमने के बाद दीदी के मम्मे चूसना शुरू कर दिए और बाद में दीदी को नंगा करके चुत चाटना शुरू कर दिया। संगीता पुरी गरम हो चुकी थी फिर उसने दीदी को लंड मुँह में दे दिया और संगीता बड़े मज़े से चूसने भी लगी थी. “कातिलाना जिस्म दीदी”
उस बंदे ने क़रीब एक घंटे तक संगीता की चुदाई करके बुरा हाल कर दिया था उसने चुत भी मारी और गाँड़ भी चोदी थी। उसके जाने के बाद संगीता से बोला – दीदी उसने तो तुम्हारी बुरी तरह ले ली। दीदी बोली – तू परेशान मत हो तेरी बहन इतनी कमजोर नहीं हैं अभी भी फिर से चुदाई कर सकती हैं मै बोला – तभी तो तुझे मैं अपनी रंडी बहन कहता हूँ चुदक्कड़ साली।
संगीता बोली – क्या करूँ साले जब तक इस चुत को तेरा लंड नहीं मिलता तब तक चाहे कोई कैसे भी चुदाई कर ले ये शांत नहीं होगी। उसके बाद फिर मैंने और दीदी ने जम कर चुदाई की। मेरी बहन संगीता बहुत बड़ी वाली चुदक्कड़ बन गयी थी अब उसे हर दिन चुदाई के बिना रहा ही नहीं जा रहा था।
उसके बाद जब भी हम को ज़रूरत होती तो संगीता को मेरा कोई दोस्त चोद देता और उसके बाद रात को मुझसे चुदती थी। तो दोस्तों ये मेरी रंडी बहन की आगे की कहानी हैं इसके बाद की भी कहानी अभी बाक़ी हैं लेकिन अब वो कहानी आगे के भाग में सुनाऊँगा। मेरी पहली कहानी आपने पसंद की और अब ये भी बताना आपको कैसी लगी [email protected]