जेठ जी को सोच कर बुर में ऊँगली करती बहु

दोस्तो नमस्कार मैं आपका दोस्त विक्की साहू फिर लाया हूं आपके लिए एक नई कहानी जो मेरी दोस्त राखी ने मुझे भेजी है । उम्मीद करता हु आप सब मुझे उतना ही प्यार देंगे जितना कि पिछले कहानी में दिया है। आप कहानी राखी की जुबानी. Desi Train Sex Kahani

दोस्तो नमस्कार मेरा नाम राखी है और मैं इस समय एक सरकारी विभाग में अच्छे पद पर कार्य करती हूं। दोस्तो ये कहानी मेरे और मेरे जेठ जी के बीच हुए सेक्स की कहानी हैं जिसे सुन कर आप जरूर मुठ मरेंगे और लड़कियां जरूर अपने बुर में अंगुली करेंगी।

ये बात तब की है जब मैं 15 साल की थी और 10वी पास की थी तो मेरा एडमिशन एक अच्छे कॉलेज में हो गया। वहाँ सब बच्चे मॉडर्न थे सब कुछ नया था। उसी कॉलेज में एक लड़का था अमित नाम का जो 12वी में था वो पूरे कॉलेज का हीरो था वो स्पोर्ट में भी अच्छा था और पढ़ने में तो एक नंबर था।

कॉलेज में होने वाले हर प्रतियोगिता में वो प्रथम दर्जे में पास होता था। पूरे कॉलेज के लड़के लड़किया उसका बहुत ही इज्जत किया करते थे। कॉलेज की लड़कियां तो उस पर मर मिटती थी पर वो है कि किसी को भाव ही नही देता था। मैं भी उसे दिल दे बैठी थी। उसे देख कर कुछ कुछ होने लगता था।

मैं रात में उसका नाम ले कर अपने बुर में अंगुली करती रहती थी और तकिये को अमित अमित कह कर बाहो में भर लिया करती थी। फिलहाल एक साल कैसे काटा पता ही नही चला और अमित कॉलेज ही नही पूरे जिले में पहले स्थान पर आया और पास हो कर आगे की पढ़ाई के लिए बहुत दूर चला गया।

उसके जाने के बाद बहुत सी लड़कियां उदास सी रहने लगी उसी में एक मैं थी। फिलहाल धीरे-धीरे वक्त बित गया और मैं 22 की हो गयी अब मेरे घर वाले मेरी शादी खोजने लगे पर मैं अपने पहले प्यार को भुला नही पाई थी और अमित के याद में कई लड़को को मना कर चुकी थी।

एक दिन एक बहुत ही अच्छा रिश्ता मेरे लिए आया लड़का एक ग्राम विकास अधिकारी था और उसका बड़ा भाई एक समीक्षा अधिकारी था। लड़के की पोस्टिंग तो यही लखनऊ में थी और लड़के के बड़े भाई का पोस्टिंग शिमला में था।

पहले तो मैंने मना कर दिया क्योंकि लड़का उतना ख़ास नही था पर मैंने जैसे ही उसके पूरे परिवार का फ़ोटो देखा तो मैंने हा कर दिया क्योंकि लड़के का बड़ा भाई जो एक समीक्षा अधिकारी था वो और कोई नही मेरा पहला प्यार अमित ही था।

पर दुख इस बात का था कि उसकी शादी हो चुकी थी पर अब हर रोज उसे देखने के लिए मैने शादी के लिए हां कर दिया फिलहाल मेरी शादी अच्छे से हो गयी और लड़के वाले शादी के दिन ही दहेज लेने से मना कर दिये पूछने पर पता चला कि उनके पास भगवान का दिया सब कुछ है।

उनके इस काम से मेरे पुर मोहल्ले में चर्चा का विषय बन गया। जो बरात सिर्फ मेरे घर आई थी उसकी विदाई पूरे मोहल्ले ने बहुत इज्जत से की। फिलहाल ससुराल में मेरा पहला दिन था और हर वक्त अमित को देखने को पागल थी पर वो अब मेरा जेठ बन चुका था अब वो मेरे सामने आए ये संभव नही था।

सुहागरात में मैं अपने पति हो अमित के रूप में देख रही थी और मन मे उसी को सोच कर जम कर चुदाई करने लगे थे। ऐसे ही दिन बीत रहे थे एक दिन मेरे पति के पास मेरे जेठ अमित का फ़ोन आता है कि उनकी पत्नी पेट से है तो उनके देखभाल के लिए तुम दोनों आ जाओ.

तब मेरे पति ने अमित से कहा कि भैया मैं नही आ पाउँगा आप राखी को की ले जाओ क्यो की मेरे पास टाइम नही है काफी बातचीत करने के बाद अमित जी तैयार हो गए और तत्काल में ही लेने आ गए। मैं उनके साथ जाने का सोच कर कई बार अपने बुर में अंगुली कर रही थी और कई बार अपने बुर से पानी निकालने लगी।

फिलहाल वो समय आ गया और मैं लखनऊ के चारबाग़ रेलवे स्टेशन पर उनके साथ आ गयी और मैं घुघट में थी अचानक पता चला कि शिमला की ट्रेन की कैंसल हो गया है। अब अमित जी को बहुत गुस्सा आया पर कर भी तो क्या सकते थे अब हम दोनों दूसरे ट्रैन से जाने की सोचने लगे जो शाम ही ट्रेन थी।

ट्रैन आयी और हम किसी तरह स्लीपर कोच में चढ़ गए और टीटी से बात कर के एक सीट किसी तरह मिल गया वो सीट ऊपर का था तो अमित जी मुझे बोले कि तू सीट पर जा कर बैठ जा मैं यही सही हु। अब मैं अपना घुघट उतार चुकी थी और किसी न किसी बहाने मैं अमित को छुआ करती थी जिससे मेरे बुर में पानी आने लगा था.

जब उन्होंने कहा कि ऊपर चढ़ जाओ तो मैंने कहा मैं ऊपर नही चढ़ पाऊँगी मैं उनसे अलग ही नही होना चाहती थी। अचानक ट्रैन में भीड़ ज्यादा हुई और मैं उनसे चिपक गयी उन्होंने भी मुझे अपने बाहो में पकड़ लिया पर उनका इरादा वैसा नही था वो मुझे बस भीड़ से बचना चाहते थे।

उनके जोर देने पर मैं ऊपर वाले सीट पर चढ़ने को तैयार हो गयी पर मैंने बोला कि मुझे चढ़ा दो प्लीज तो उन्होंने मेरी मदद की और उनका हाथ मेरे गाँड़ पर लगा मुझे ऐसा लग की जैसे जन्नत मिल गया हो। ऊपर जा कर मैं लेट गयी और जेठ जी का इंतजार करने लगी।

लगभग एक घंटे बाद ऊपर आये और मेरे पैरों के पास बैठ गए उनके बिठाने के बाद मैं भी बैठ गयी उन्होंने मुझे सोने को कहा तो मैं बोली कि आप भी मेरे पास हो सो जाईये पर उन्होंने मुझे मना कर दिया। ट्रैन में काफी अंधेरा था और ठंडी भी ज्यादा थी.

मैं अपना सामान सीट के नीचे रख दी थी जिसे निकलने में मुझे बहुत दिक्कत होते मेरे पास सिर्फ एक चादर ही था। अब मैं ठंड से कापने लगी पर उसमे ठंड कम मेरा नाटक ज्यादा था क्योकि मैं चाहती थी कि जेठ जी भी मुझसे चिपक कर सोये।

अब जेठ जी मुझे देखा तो बोला कि ठंडी ज्यादा लग रही है क्या तो मैंने हा कर दी। मैंने जेठ जी से बहुत बिनती की तब वो मेरे पास सो गए अब मैंने उन्हें अपने बाहो में भर ली और वो भी मुझे बाहो में भर लिए मेरी बरसो की इक्षा थी कि मैं उनके बाहो में रहु। “Desi Train Sex Kahani”

फिलहाल अब मैं गरम होने लगी थी और उनका भी लन्ड फूलने लगा था। मैं अचानक उन्हें चूमने लगी तो जवाब में वो भी मुझे चूमने लगे और मेरे चूची को प्यार से मसलने लगे। अब मैं बे झिझक उनके पैंट का जीप खोल कर उनके मोटे लन्ड को हाथ मे ले ली और जल्दी जल्दी हिलाने लगी अब जेठ जी मेरे चूची को पीने लगे थे।

अब मैं धिरे से साड़ी ऊपर कर के उनके लंड को अपने बुर पर रखी तो उन्होंने आहिस्ते आहिस्ते अपने लंड को मेरे बुर में डाल दिया. उनका लन्ड मेरे पति से काफी बड़ा और मोटा था फिलहाल मेरी हालत खराब हो गयी थी उनके लन्ड को लेने में पर मजा बहुत आया मुझे।

उन्होंने मुझे बताया कि वो मुझे जब से चाहते है जब से मैं 10वी में थी पर कभी कह नही पाए। एक दिन मुझे कही देखे तो उनका पुराना प्यार उमड़ पड़ा और मेरे घर रिश्ता भेज दिया। ये जान कर मुझे दोगुनी खुशी हुई कि ये भी मुझे चाहते थे फिलहाल एक दिन बाद तो हम शिमला पहुच गए.

पर भारी बारिश के कारण सड़के बंद थी तो हमने एक होटेल में रुकने का प्रोग्राम बनाया। और वही चुदाई का प्रोग्राम बनाने लगे। मैं होटल में गयी तो ये रूम में आये और ये जबरदस्ती ही मेरे ब्लाउज कक फाड़ दिए और मेरे दूध को पीने लगे.

और मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी कि वो भैया और जोर से और जोर से उम्मम मजा आ गया अब मैं उनके पैंट को खोल कर उनके कच्छे फाड् कर उनका मोटा लन्ड निकल कर मुह में भर ली और जल्दी जल्दी आगे पीछे करने लगी अब वो मुझे ओह्ह राखी कितना अच्छा मेरा लन्ड चूसती हो मजा आ गया कहने लगे. “Desi Train Sex Kahani”

कुछ देर में वो मेरे सुंदर बुर को चाटने लगे अब मैं उनके बाल को पकड़ कर अपने बुर पर चिपका ली और बोली ओह अमित भैया मेरे बुर को खा जाओ उम्मम बहुत मजा आ रहा है चाटो और चाटो। अब अमित अपने लन्ड को मेरे बुर के मुख कर रखे और एक झटके में मेरे बुर को फाड़ दिए।

अब मैं उनके सीने पर प्यार से मारने लगी और बोली जाईये अब आपसे नही बोलूँगी आपने मेरे बुर को चोद कर भोसड़ा बना दिया है और आपके भाई का लन्ड बस दो मिनट में ही झड़ जाता है। काश आप ही मेरे पति होते तो उन्होंने कहा कि तुम आज से ही मेरी पत्नी हो जब चाहो मुझसे अपना बुर फड़वा सकती है।

फिलहाल 3 दिन तक बारिश के कारण रोड बन्द था तो हमने तीन दिन तक चुदाई करते रहे और इतने ठंडी में हम दोनों कभी कपड़े नही पहनते थे बस चुदाई और चुदाई। तीन दिन में इन्होंने मेरा 2 बार गाँड़ भी मेरी और मुझे जबरदस्त मजे भी दिए। उम्मीद करती हूं कहानी अच्छी लगी होगी धन्यवाद।

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