नंगी दीदी अश्लील काम कर रही मकबूल के लिंग के साथ

Desi Ashlil Sister Sex, Kamvasna Story, मेरा नाम मुन्ना है, बंगलौर में रहता हूँ, उम्र 21 साल है। मेरे घर में कुल चार लोग हैं- मैं, मेरे माता पिता और मेरी बड़ी बहन। माता-पिता दोनों ही एक कम्पनी में अच्छे पद पर हैं। मेरे घर में पैसे की कोई कमी नहीं है। नौकर-चाकर, गाड़ी और शानो-शौकत की हर चीज़ हमारे घर में है। नंगी दीदी अश्लील काम कर रही मकबूल के लिंग के साथ.

मेरे माता पिता हम दोनों भाई-बहन को समय नहीं दे पाते थे। इसलिए मुझे बचपन में ही बोर्डिंग में पढ़ने भेज दिया गया था। जबकि मेरी बड़ी बहन वीणा बंगलौर में रह कर ही पढ़ी है। दीदी की उम्र 25 साल है। वो हमेशा से ही अन्तर्मुखी रहने वाली और बहुत ही फेशनेबल है। उसके कोई खास सहेली या दोस्त नहीं थे और यह बात मुझे उसमें अजीब लगती थी।

मगर मुझे इसकी वजह तब समझ आ गई, जब मुझे यह पता लगा कि दीदी के हमारे घर के सभी नौकरों के साथ शारीरिक-सम्बन्ध हैं। बात कई साल पहले की है, जब दीदी 18-19 के करीब होंगी। दीदी उस समय किसी पूर्णतया जवान कन्या जैसे शरीर की मालकिन थी। उनका कद 5’5″ और फिगर एकदम बढ़िया थी। मैं गर्मी की छुट्टियों में बंगलौर आया था। दिन भर बंगलौर की सैर की, फिर रात को दीदी के साथ खाना खाकर अपने कमरे में सोने चला गया।

दस मिनट गुजरे होंगे, मुझे दीदी के कमरे से किसी आदमी की आवाज़ आई। दीदी का कमरा और मेरा कमरा सटा हुआ ही था। मुझे बड़ा अजीब लगा, क्योकि पापा तो थे नहीं, फिर दीदी इतनी रात को किस से बात कर रही है? मैंने सोचा कि शायद टीवी चल रहा है, मगर मुझे दीदी की दबी हुई चीख और कुछ हंसने खिलखिलाने की आवाज़ आई, तो मेरे अन्दर कीड़ा काटने लगा, आखिर दीदी किस से बात कर रही है? मेरे और दीदी के कमरे के बीच में एक खिड़की थी। मैंने एक स्टूल दीवार के पास लगा लिया और स्टूल पर चढ़ गया। अन्दर का दृश्य देख कर मेरे होश फाख्ता हो गए।

मैंने देखा कि हमारे घर का एक नौकर मकबूल दीदी के बिस्तर पर अधनंगी अवस्था में लेटा है और दीदी उसकी कमर के ऊपर दोनों ओर पैर करके सवार है और बेतहाशा मकबूल के शरीर को चूमे जा रही है। मैं इतना नादान नहीं था कि यह क्या चल रहा है, समझ न पाता।

मकबूल के हाथ दीदी की टी-शर्ट के अन्दर थे और उनकी छातियों से खेल रहे थे। मुझे गुस्सा आया मगर मैं कुछ बोल न पाया क्योंकि मैं यह समझता था कि यह दीदी की रजामंदी से हो रहा है और न ही वो नादान है। शायद दीदी ने अपने अकेलेपन को इन्हीं नौकरों के साथ गुजारा था, इसलिए वो इन सब चक्करों मे पड़ गई होगी।

मैं चुपचाप उनके खेल को देखने लगा। दीदी ने मकबूल के सर को पकड़ रखा था और अपने होठों को मकबूल के होठों से चिपका कर चूमे जा रही थी। मकबूल भी उतनी ही जोर से उन्हें अपने बदन से चिपटाए हुए था। दीदी उसके होठों, माथे, गर्दन को चूमते हुए छाती की ओर आ गई। मकबूल की छाती के घने बालों को सहलाते हुए चूमते चूमते वो पेट की तरफ पहुँच गई।

फिर दीदी मकबूल के ऊपर से उठ गई और उसने मकबूल की तरफ देख कर हल्की रहस्यमयी मुस्कान दी। मकबूल ने भी मुस्कुराते हुए दीदी की तरफ देखा। दीदी ने अपने हाथों से मकबूल का अंडरवियर उतार कर उसे नंगा कर दिया, फिर उसके लिंग को पकड़ लिया।

मकबूल के लिंग को देखकर मैं आश्चर्यचकित रह गया। मकबूल का लिंग करीब 9 इंच लम्बा और 2 इंच मोटे व्यास का था। दीदी ने उसके लिंग और अंडकोष को प्यार से सहलाया। दीदी के हाथ के स्पर्श से ही उसके शिथिल लिंग में कसाव बढ़ गया। दीदी ने मुस्कुराते हुए लिंगमुंड को चूमा। फिर दीदी ने तुरंत उसका लिंग-मुंड अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी।

मैं विश्वास नहीं कर पा रहा था, मैंने अपने दोस्तों से सुना था कि लड़कियाँ इस तरह से मुखमैथुन करती हैं, वो कहते थे कि लड़कियों को ऐसा करना अच्छा लगता है, मगर मैं उनकी बातों को मजाक समझता था। मगर दीदी को इस तरह से करते हुए देख मुझे यकीन हो गया कि सच में उसे मजा आ रहा है। “नंगी दीदी अश्लील काम”

दीदी उसके लिंग को मुँह के अन्दर लेते हुए ऊपर नीचे सर को चलाने लगी। मकबूल का लिंग उनकी लार से सन गया था और चमकने लगा था। उसके लिंग की नसें तन गई थी। दीदी उसके आधे लिंग को मुँह में अन्दर लेकर चूसती थी फिर लिंग मुंड को चूसती थी। उसका लिंग मुंड लाल रसभरी की तरह फूल गया था।

मकबूल ने दीदी के सर पर हाथ रख कर सर को लिंग की तरफ दबाया ताकि दीदी और ज्यादा लिंग को मुँह के अन्दर ले ले। मगर दीदी को खांसी आ गई। दीदी ने लिंग को मुँह से बाहर निकाल कर ‘नहीं’ की मुद्रा में सर हिलाया तो मकबूल ने अपनी जिद छोड़ दी।

दीदी ने उसके बाकी लिंग को बाहर से चाट चाट कर चूसा। करीब 5 मिनट चूसने के बाद मकबूल का लिंग दीदी ने छोड़ दिया। फिर उसकी कमर के दोनों तरफ पैर करके लिंग के ऊपर बैठकर अपनी कमर चलाने लगी।

मकबूल उठकर बैठ गया और दीदी को उसने ठीक से अपनी गोद में बैठा लिया। दीदी ने उसकी गर्दन के चारो ओर अपने हाथों को लपेट लिया और मकबूल के सर को अपने स्तनों के बीच दबा लिया। दीदी अपनी कमर को वैसे ही मकबूल के लिंग के ऊपर चला रही थी। दीदी के चेहरे पर मस्ती की सुर्खी साफ़ नज़र आ रही थी क्योंकि उनकी योनि पर मकबूल के लिंग की रगड़ उन्हें आनंदित कर रही थी।

मकबूल ने दीदी की स्कर्ट को जाँघों तक ऊपर उठा दिया। दीदी की दूधिया गोरी गोरी जांघें और पिंडलियों को मकबूल सहलाने लगा। मकबूल के हाथ सरकते हुए दीदी के चूतड़ों तक पहुँच गए। दीदी के चूतड़ों को उसने पकड़ कर उसने उनकी कमर को अपनी कमर से चिपटा लिया।

दो मिनट तक दोनों अपनी कमर को चलाते हुए अपने जननांगों को ऐसे ही रगड़ते रहे। दोनों ही मस्ती में सराबोर हो गए थे। मकबूल ने दीदी की टी-शर्ट को ऊपर की ओर उठा दिया। दीदी के कोमल गौर धड़ की एक झलक देखने को मिली। दीदी ने अपने हाथ ऊपर को किये और मकबूल ने उनकी टी-शर्ट को उतार कर फेंक दिया। अन्दर दीदी ने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी।

मैंने जिंदगी में पहली बार किसी लड़की को इस रूप में देखा था, तो मैं भी उत्तेजना से कांप गया। दीदी का पूरा शरीर जैसे किसी सांचे में ढाल के बनाया गया था। काली ब्रा में उनके शरीर की कांति और भी बढ़ गई थी। ब्रा के अन्दर दीदी के बड़े बड़े स्तन कैद थे, जो बाहर आने को बेकरार लग रहे थे। “नंगी दीदी अश्लील काम”

मकबूल के हाथों ने तुरंत उन्हें अपने कब्जे में ले लिया और बड़ी बुरी तरह उन्हें मसला। दीदी की ब्रा पारभासी थी, जिसकी वजह से में उनके गहरे रंग के चुचूक देख पा रहा था। मैंने कभी किसी के स्तनों को छूकर नहीं देखा था, मगर मैं मकबूल को हो रहे उस गुदाज़ स्पर्श का आनंद महसूस कर सकता था। दीदी के स्तन बहुत ही गुदाज़ थे, इसका अंदाजा इससे ही लग रहा था, जब जब मकबूल उन्हें अपने कब्जे में ले लेता था, दीदी की ब्रा के कप्स के साइड से स्तन का जो हिस्सा बाहर दिख रहा था, वो फूल जाता था।

मकबूल ने दीदी के स्तनों अग्र भाग को अपनी उँगलियों से चुटकियों से पकड़ कर गोल गोल घुमाया, तो दीदी सिसिया उठी क्योंकि उसने दीदी के चुचूक पकड़ लिए थे। उसने चुचूकों को जोर से मींसा तो दीदी फिर से सिसिया उठी, मगर दर्द से। दीदी ने अपने चुचूकों को मकबूल के हाथों से छुड़ा लिया। दीदी के चुचूक तन गए थे, जो की ब्रा में उभर आये थे। मकबूल ने उन पर अपनी उँगलियों के पोर को गोल गोल नचाते हुए छेड़ा, तो दीदी गुदगुदी के मारे फिर से सिसिया उठी।

जब गुदगुदी दीदी से बर्दाश्त नहीं हुई तो वो मकबूल के छाती से अपने स्तनों को चिपका कर लिपट गई। मकबूल ने दीदी की स्कर्ट के हुक खोले और फिर साइड चेन खोल कर स्कर्ट को उनके शरीर से अलग कर दिया। दीदी ने अन्दर सफ़ेद रंग की पैंटी पहनी थी। मकबूल ने उनकी जांघो के ठीक बीच में अपना हाथ फिराया और हल्के हल्के दीदी के योनि प्रदेश को सहलाने लगा।

दीदी भी सिसियाते हुए उत्तेजित हो रही थी। मकबूल ने उनकी ब्रा से स्तनों को बाहर निकाल लिया। दीदी के स्तनों को नग्न देख कर मेरी हालत खराब हो गई। उनके स्तनों में कसाव था, तनिक भी लचक नहीं थी, गोरे गोरे स्तनों पर गहरे भूरे रंग के चुचूक बहुत ही प्यारे लग रहे थे।

मकबूल ने दीदी के एक स्तन को अपनी मुठ्ठी में कैद कर लिया और जोर जोर से दबाने लगा और दूसरे स्तन के चुचूक को अपने होठों में दबा कर चूसने लगा। दीदी बहुत ही उत्तेजित हो गई थी, उनकी आँखें बोझिल और लाल हो गई थी। मकबूल के सर को अपने हाथों से पकड़ कर उसका मुँह उन्होंने दूसरे चुचूक से सटा दिया, मकबूल उनकी मन:स्थिति समझ गया और उसने दूसरे चुचूक को मुँह में लेकर चूसकर इन्साफ किया।

मकबूल ने दीदी के स्तनों को हल्के हल्के दांत से काटा, दीदी थोड़ी थोड़ी देर में उसका सर पकड़ कर दूसरे तरफ के चुचूक की ओर ले जाती, जाहिर था दीदी को मजा आ रहा था। और जब कभी मकबूल जोर से स्तनों को काटता था, तो अपने स्तनों को उसके मुँह से छुड़ाकर बनावटी गुस्सा दिखाती थी, और फिर अगले ही पल अपना चुचूक मकबूल के मुँह को समर्पित कर देती थी। मकबूल ने काफी देर तक दीदी का दूध पिया। दीदी के स्तनों पर उसकी उँगलियों और दांतों के लाल निशान पड़ गए थे। “नंगी दीदी अश्लील काम”

दोनों ही अब काफी उत्तेजित हो गए थे। मकबूल ने दीदी को बिस्तर पर बैठाया और खुद खड़ा हो गया। दीदी के मुँह में उसने फिर से अपना लिंग डाला। दीदी ने तुरंत लिंग को जोर जोर से चुसना शुरू कर दिया। दो मिनट चुसवाने के बाद मकबूल ने लिंग को दीदी के मुँह से खींच लिया।

दीदी ने दुबारा चूसने के लिए मुँह खोला, उससे पहले ही मकबूल ने उनके कंधों को पीछे को धकेल कर उन्हें बिस्तर पर चित्त लिटा दिया। मकबूल ने दीदी की पैंटी की लास्टिक में उँगलियाँ फंसा कर पैंटी को उतार लिया, ब्रा के स्ट्रेप को कंधे से नीचे उतार कर स्तनों को ब्रा की कैद से पूरी तरह विमुक्त कर दिया और फिर दीदी की टांगों को फैला कर खुद बीच में लेट गया।

मैं शुरू में बस यह सोच रहा था कि दीदी केवल हल्की-फुल्की मस्ती कर रही है, दीदी शायद बस मुखमैथुन ही किया करती होगी मगर अब तो मुझे लग गया कि दीदी मकबूल के साथ सेक्स करने के लिए तैयार है।

मुझे दीदी की चिंता होने लगी कि कैसे वो इतना मोटा लिंग झेल पाएगी क्योंकि मेरे दोस्तों ने बताया था कि मोटा लिंग लड़की को शुरू में बेहिसाब दर्द देता है। मकबूल ने दीदी की योनि को सहलाया, फिर उस पर पास में पड़ी तेल की बोतल से तेल निकाल कर तेल लगाया। दीदी की योनि एक छोटी सी दरार जैसी दिख रही थी। मकबूल अपनी ऊँगली को योनि के अन्दर डालकर चलाता तो दीदी मस्ती से सिसियाने लगती थी।

दीदी की योनि को अच्छी तरह से तेल से मालिश कराने के बाद मकबूल फिर से दीदी की टांगों के बीच बैठ गया। मकबूल ने दीदी की योनि के मुँह पर अपना लिंग-मुंड टिकाया तो दीदी की योनि के भगहोष्ट ऐसे खुल गए जैसे लिंग अन्दर लेने को तैयार बैठे हो। मकबूल ने दीदी की कमर को अपने मजबूत हाथों से पकड़ लिया। दीदी ने भी उसकी कमर के चारों ओर अपनी टाँगें लपेट के घेरा बना कर जकड़ लिया। मकबूल ने अपनी कमर को दीदी की तरफ ठेल दिया।

मकबूल का लिंगमुंड दीदी की योनि के होठों को फैलाता हुआ अन्दर चला गया। मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि कैसे इतना मोटा लिंग-मुंड दीदी की संकरी सी योनि में अपनी जगह बना लिया। मकबूल ने दुबारा कोशिश करके थोड़ा सा लिंग और अन्दर प्रवेश करा दिया। दीदी हल्के हल्के सिसकारियाँ ले रही थी। फिर मकबूल ने एक जोरदार झटका मारकर लिंग को काफी अन्दर तक योनि की गहराई तक अन्दर पंहुचा दिया कि दीदी की चीख निकल आई। “नंगी दीदी अश्लील काम”

मैंने दीदी के चेहरे को देखा तो मैं समझ गया कि दीदी को दर्द हो रहा है। मकबूल ने दुबारा वैसा ही झटका मारा, तो दीदी इस बार दर्द से दोहरी हो गई। दीदी ने मकबूल की गर्दन में अपने हाथ लपेट कर उसके मुँह को अपने सीने से चिपका लिया। मकबूल ने दीदी के चुचूक को मुँह में ले लिया और जोर-जोर से चूसने लगा और एक हाथ से उनके एक स्तन को जोर-जोर से भींचने लगा।

दीदी एक मिनट में ही सामान्य नज़र आने लगी क्योंकि उनके मुँह से हल्की हल्की उत्तेजक सिसकारियाँ निकल रही थी और मकबूल पर उन्होंने अपनी पकड़ ढीली कर दी थी। मकबूल ने फिर से एक जबरदस्त शोट मारा दीदी इस बार दहाड़ मार के चीख पड़ी।

दीदी बोल पड़ी- दो मिनट रुक नहीं सकते ! मेरी जान निकली जा रही है दर्द के मारे ..स्स्स्स ….स्सस्सस्सस …

मैंने देखा कि इस बार दीदी की आँखों में आँसू तक आ गए थे। मुझे ऐसा लगा कि मकबूल उनका बलात्कार कर रहा है। मकबूल ने एक बार “सॉरी” बोलकर दीदी के होठों को अपने होठों से चिपका लिया और जोर-जोर से उन्हें चूमने लगा और साथ ही दीदी के स्तनों को दबाने लगा।

दीदी भी उतनी तेजी से उसे चूम रही थी। मकबूल हल्के हल्के अपनी कमर चला रहा था। अब दीदी धीरे धीरे सामान्य होती लग रही थी। मुझे इतना समझ आया कि जब दीदी को दर्द होता था, मकबूल उन्हें उत्तेजित करके दर्द को ख़त्म कर देता था। दीदी ने अपने टांगो को जकड़ को मकबूल की कमर के चारों ओर कस लिया।

मकबूल ने दीदी के होठों को छोड़ दिया और पूछा- अब डालूँ क्या? दर्द तो नहीं है ना?

दीदी बोली- आराम आराम से डालो लेकिन ! जल्दी क्या है? मैं कोई भागे थोड़ी न जा रही हूँ?

मकबूल बोला- मैं तो समझता हूँ, लेकिन यह नहीं समझता, यह पूरा अन्दर जाना चाहता है.. (उसका इशारा अपने लिंग की ओर था..)

दीदी बोली- इसको बोलो, अपनी रानी को दर्द न दे, प्यार से धीरे धीरे करे न, तो रानी भी पूरा आराम से करने देगी।

अभी भी मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि क्या दीदी अपनी योनि में मकबूल का नौ इंची लिंग पूरा ले पाएगी? मुझे लगा शायद उत्तेजना की वजह से वो मकबूल से ऐसी सेक्सी बातें कर रही होगी .. खैर.. “नंगी दीदी अश्लील काम”

मकबूल ने अपनी पोजीशन ली। अपनी ऊँगली को दीदी की योनि की तरफ ले गया और हल्के हल्के हाथ चलाते हुए कुछ सहलाने लगा। मैं ठीक से देख तो नहीं पा रहा था कि वो क्या सहला रहा है, मगर इतना देखा कि उसकी हरकत से दीदी पागल हुए जा रही थी। दीदी जोर-जोर से सिसिया रही थी और कह रही थी- मकबूल रुक जाओ ! मकबूल रुक जाओ ! प्रिंस (लिंग) को अन्दर डालो !

मैंने देखा कि मकबूल का आधा लिंग तो अभी भी दीदी की योनि के बाहर था। दीदी ने मकबूल के हाथ को पकड़ कर उसकी हरकत को रोकना चाहा मगर मकबूल ने अपनी हरकत को बंद नहीं किया बल्कि उसने एक जोरदार झटका मारकर अपना लिंग दीदी की योनि में काफी अन्दर तक ठूंस दिया। इस बार दीदी के मुँह से उफ़ भी नहीं निकली बल्कि वो आह.. सी.. स्स्स्स…सस… की आवाज़ें निकाल रही थी।

मकबूल ने एक और झटका मारा तो दीदी बोली- पूरा अन्दर गया न ! अगर बचा है तो वो भी डाल दो ! मुझे बहुत अच्छा लग रहा है !

मकबूल ने हरी झंडी देखकर तीन चार जोरदार शॉट मारे और अपना लिंग जड़ तक दीदी की योनि में घुसा दिया और अपने होठों को दीदी के होठों से चिपका कर उनके ऊपर चित्त लेटा रहा। दीदी की आँखों में इस बार फिर से आंसू आ गए थे। मैं समझ गया अगर मकबूल दीदी के होठों को अपने होठों से सील नहीं करता तो दीदी फिर से दहाड़ मार के चीखती।

दो मिनट तक वो वैसे ही उनको चूमते हुए उनके ऊपर लेटा रहा। फिर उसने अपनी कमर को धीरे धीरे गति दी। वो धीरे से कुछ इंच लिंग दीदी की योनि से निकालता और फिर से उसे अन्दर प्रवेश करा देता। जब दीदी के शरीर कुछ ढीला हुआ तो मकबूल समझ गया कि अब उन्हें दर्द नहीं है। उसने दीदी के होठों को आजाद कर दिया और उनकी आँखों में झांकते हुए पूछा- अब ठीक है?

दीदी ने बस इतना कहा- जालिम, जान ले लो मेरी।

और दीदी ने फिर से जाबेद के होठों को अपने होठों से चिपका लिया। मकबूल ने अब झटकों की गति और गहराई दोनों ही बढ़ा दी। दीदी ने अपनी टाँगें ढीली कर ली। अब मैं वो नज़ारा साफ़ देख पा रहा था कि कैसे मकबूल का नौ इंची पिस्टन दीदी की योनि रूपी इंजिन में आराम से अन्दर बाहर आ जा रहा था। “नंगी दीदी अश्लील काम”

दीदी की योनि का छल्ला उसके लिंग पर एकदम कसा हुआ था। दीदी के चूतड़ के नीचे मैंने चादर को देखा तो वो भीगी हुई थी। दर असल दीदी की योनि से कुछ द्रव रिस रहा था जो उनके चूतड़ों के बीच की घाटी से होते हुए नीचे चादर को भिगो रहा था। इस द्रव में भीग कर मकबूल का लिंग भी चमक रहा था।

दीदी ने मकबूल के होठों को छोड़ दिया और जोरजोर से सिसिकारियाँ लेने लगी। दीदी कमर को उठा-उठा कर मकबूल के लिंग को पूरा पूरा अपनी योनि के अन्दर ले रही थी। मकबूल भी अपने लिंग को लगभग पूरा बाहर निकाल कर वापस दीदी की योनि में जड़ तक ठूंस देता था।

मुझे अपने दोस्तों द्वारा बताई गई दो बातों पर अब यकीन हो गया कि मोटा लिंग लड़की को घुसाते समय तकलीफ देता है मगर घुसाने के बाद उतना ही ज्यादा मजा भी देता है। मुझे यह बात समझ आ गई कि अगर संयम, उत्तेजना और समय तीनो चीजों का सही प्रयोग किया जाए तो कितना भी मोटा लिंग हो, वो लड़की की कसी से कसी योनि में प्रवेश कराया जा सकता है।

अचानक दीदी में मैंने अजीब सा बदलाव देखा। दीदी बहुत जोरजोर से सांस लेने लगी थी, उनके स्तन और चुचूक अकड़ गए थे। दीदी के भगहोष्ट मकबूल के लिंग के ऊपर फड़फड़ाते हुए खुल-बंद हो रहे थे।

दीदी ने मकबूल को अपने हाथो और टांगों की जकड़ में कैद कर लिया ताकि वो और झटके न मार पाए। दीदी की योनि से एक तरल द्रव की धार निकल आई और नीचे बेडशीट को भिगोने लगी। मैंने पहली बार किसी लड़की का स्खलन देखा था। दीदी स्खलित हो गई थी।

मकबूल ने झटके और तेज मारने शुरू किये। दो मिनट में ही उसके शरीर में कम्पन शुरू हो गए और एक जोरदार शॉट के बाद वो दीदी की टांगों के बीच धंस गया और वैसे ही दीदी के ऊपर लेट गया। उसकी कमर में हल्के हल्के कम्पन दिख रहे थे। कुछ ही देर में उसका शरीर ढीला हो गया। काफी देर वो दीदी के ऊपर लेटा रहा। “नंगी दीदी अश्लील काम”

दीदी उसकी गर्दन, कान और होठों को बार बार चूम रही थी और आत्मसंतुष्टि के भाव के साथ मुस्कुरा रही थी।

पाँच मिनट बाद दीदी ने मकबूल को अपने ऊपर से उठने को कहा। मकबूल दीदी के ऊपर से उठा उसने लिंग को दीदी की योनि से बाहर निकाला। उसके लिंग से चिपचिपा सा द्रव टपक रहा था। लिंग के निकलते ही दीदी की योनि से भी वो चिपचिपा द्रव यानि मकबूल का वीर्य ढलक कर निकला और दीदी के चूतड़ों की घाटी से होते हुए चादर पर गिर गया।

मकबूल बगल में ही दीदी के बिस्तर पर सुस्ताने लगा। दीदी ने उसके लिंग को मुँह में ले लिया और चूस कर उस पर लगे वीर्य को साफ़ किया फिर चूस कर लिंग से वीर्य की आखरी बूँद तक निचोड़ ली। फिर दीदी भी मकबूल के बगल में लेट गई। दोनों एक दूसरे की तरफ मुँह करके करवट पर लेते हुए हल्के हल्के बतिया रहे थे।

मैं सोच रहा था कि अब दीदी की आज रात की कामक्रीड़ा पर विराम लगेगा। मगर ऐसा नहीं था, उनकी बातें सुनकर मेरा भ्रम दूर हो गया।

दीदी मकबूल के लिंग को हाथ में लेकर खेल रही थी, जो अब शिथिल होकर मात्र 6-7 इंच का रह गया था। मकबूल उनके स्तनों और चुचूकों से खेल रहा था। वो हँसते मुस्कुराते हुए बातें कर रहे थे।मकबूल ने दीदी से कहा- मजा आ गया आज रात ! और तुम्हें?

दीदी- मुझे भी आया !

मकबूल- दुबारा करोगी ?

दीदी- बिल्कुल !

मकबूल- तो पहले इसे तो खड़ा करो! (मकबूल का इशारा अपने लिंग की तरफ था)

दीदी- हो जाएगा, एक बार टायलेट हो आओ, मैं भी हो आती हूँ, दोनों तैयार हो जायेंगे।

मकबूल- ठीक है !

इतना कह कर दोनों एक दूसरे से चिपट गए जैसे एक दूसरे को लील जायेंगे। दीदी ने उस रात मकबूल के साथ तीन बार कामक्रीड़ा की। मकबूल सुबह नौ बजे तक उनके साथ ही सोया रहा। मकबूल दीदी का सबसे प्रिय नौकर था, जिसकी वजह में जानता था। मैं एक महीना बंगलौर रुका था, मैंने हर रात दीदी की हर नौकर के साथ कामक्रीड़ा का नज़ारा देखा। अब मुझे यह देखने में गुस्सा नहीं आता था, क्योंकि इसमें दोष उसका नहीं था। “नंगी दीदी अश्लील काम”

दीदी एक तो 18 साल की थी जिस उम्र में सेक्स की इच्छा बलवती होती है। दूसरे वो उस घर में अकेलापन महसूस करती थी, जिसको दूर करने के लिए कोई विकल्प न मिलने पर दीदी ने अपने नौकरों का सहारा लिया और धीरे धीरे वो उन नौकरों के करीब होती गई और एक दिन इतना ज्यादा करीब हो गई कि दीदी ने खुश रहने का सबक सीख लिया।

एक दिन मकबूल ने दीदी के साथ पहली बार गुदामैथुन भी किया जो कि मेरे लिए एकदम नया अनुभव था। आपको उसकी कहानी भी किसी दिन भेजूंगा….

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