सभी पाठकों को मेरा नमस्कार! मैं आपकी ज्योति अग्रवाल, आज फिर हाजिर हूं। अपनी एक और नई कहानी लेकर आशा करती हूं कि आपको मेरी पिछली कहानी पसंद आई होगी। जैसा कि आप सभी जानते हैं मुझे एक छोटी बेटी है, जिसे मै दूध पिलाया करती हूं। तो हुआ कुछ ऐसा कि रात के 9:30 बज रहे थे और मेरे पति और मैं घर में बैठे टीवी देख रहे थे। Bade Mamme Wali Aurat
क्योंकि थोड़ी देर में हमें सोने जाना था तो मैंने कहा। मैं – मैंने बच्ची को तो सुला दिया है, अब आगे क्या करना है? मेरे पति समझ गए थे कि मैं चोदने की बात कर रही हूं, पर वो मेरी बात पर ध्यान ना देते हुए बोले। पति – चलो बच्ची सो रही है, तो हम कहीं बाहर टहल कर आते हैं। मैंने भी हां कर दी।
उस समय मुझे बेटी को दूध पिलाना होता था, इसीलिए मैं ब्लाउज के अंदर ब्रा नहीं पहनती थी। मेरा ब्लाउज भी ऐसे पतले कपड़े का था, जिसमें की मेरा काला निप्पल ब्लाउज में से झाई मारता रहता था। मैं अपना साड़ी का पल्लू लगा कर पति के साथ बाहर टहलने के लिए निकल आई।
हम दोनों साथ में टहल रहे थे कि पति ने मुझे कहा – चलो पार्क में चलते हैं। सड़क पर गाड़ियां थोड़ी ज्यादा चल रही है पार्क में आराम से बैठेंगे और घूमेंगे। हम पार्क में टहल ही रहे थे कि हमने देखा पार्क में जो थोड़े बहुत लोग थे, वो लोग भी चले गए और फिर हम बैठकर बातें करने लग गये।
देखते ही देखते 10:30 बज गए, पार्क में एक चौकीदार का कमरा हुआ करता था। हमने देखा उसके कमरे की लाइट जल रही है, और अंदर से सिसकारियो की आवाज आ रही है। मेरे पति ने तभी मुझे ने कहा – चलो अंदर देखते हैं कौन हैं क्या हो रहा है? मैं और मेरे पति उस कमरे के पीछे की खिड़की पर जाकर देखने लग गये।
खिड़की के पीछे झाड़ियां थी जिससे हमें कोई देख नहीं सकता था, हम वहां से अंदर का नजारा देख रहे थे। हमने देखा कि हमारी कॉलोनी का चौकीदार उस्मान अपनी पत्नी नरगिस को चोद रहा था। उसकी पत्नी को उसने अपने दोनों हाथों से उठाकर गोदी में रखा हुआ था, और वो उसे जोरो से चोदे जा रहा था।
मैंने देखा कि उसके चारों बेटे बगल में ही सो रहे हैं, और वह यह करतूत खुलेआम कर रहे थे। उसकी पत्नी नरगिस के बूब्स मुझसे भी बड़े थे पर लटके हुए थे। मैंने देखा उस्मान दिखने में तो काला था। पर वो कद काठी से मजबूत था। मेरे पति और मैं यह दृश्य देखकर काफी उत्तेजित हो गए।
मेरे पति ने अब मेरे मम्मो को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया, क्योंकि हम झाड़ियों में थे। हम जानते थे कि हमें यहाँ कोई नहीं देख सकता था, मेरे पति का ऐसा करने से मुझमें चुदासी बढ़ने लग गयी। हम ये नजारा करीब 20 मिनट तक देखते रहे, फिर उस्मान ने अपना वीर्य छोड़ दिया और बिस्तर पर जाकर वो दोनों लेट गए।
जैसे ही उसने उसका लौड़ा नरगिस की चूत में से बाहर निकाला, तो मैं उसे देख कर हैरान हो गयी थी। मुझे उसका लंड देखकर अकबर की याद आई जिसका मैंने लोड़ा ट्रेन में चूसा था। वो बिल्कुल काला और मोटा था जिसके ऊपर टोपा अलग चमक रहा था।
और उसके लंड पर कोई चमड़ी भी नहीं थी, हमने देखा कि अब वह सोने लगे हैं। फिर मेरे पति ने मुझे कहा। पति – चलो हम भी पार्क में मजे करते हैं। फिर वो मुझे गार्डन के कोने में ले गए और मुझे पकड़कर मेरे होठों की शराब चखने लग गये। मैं भी इस चुंबन में उनका साथ देने लगी, क्योंकि मुझे में भी चुदासी जोरो से भड़क रही थी।
पति – ज्योति चल हम दोनों यहीं पर संभोग कर लेते हैं। मै – कोई आ गया तो? पति – गार्डन में कोई नहीं है दूर-दूर तक, तो कौन आएगा। मेरे पति ने उनके खुद के सारे कपड़े उतारे और दूर फेंक दिए। मैं – यह आप क्या कर रहे हो, आप तो पूरे नंगे हो गए! अगर कोई आ गया तो।
पति – इसी का तो मजा है कोई नहीं आएगा। खुले में चुदाई करने का अलग ही आनंद होगा, चलो तुम भी कपड़े उतार दो। मैंने मना करा और कहा कभी कोई आ गया, तो क्या होगा! पर वह कहां मानने वाले थे। वो मेरे पीछे पड़ गए और मेरे सारे कपड़े उतरवा दिए।
मेरी साड़ी ब्लाउज और सभी कपड़े उठाकर कोने में फेंक दिए। अब हम दोनों खुले आसमान के नीचे एक पब्लिक पार्क में नंगे होकर चुदाई करने की तैयारी कर रहे थे। मेरे पति ने मुझे जमीन पर लेटने को कहा। जैसे ही मैं लेटी, मेरे पति मेरे स्तनों को चूसने लग गये।
पति – ज्योति मैं बड़ा खुशनसीब हूं, जो मुझे तुझ जैसी बड़े बोबे वाली औरत मिली है। मेरे निप्पल खड़े हो गए थे, वह उनको मुंह में लेकर जोरों से चूसने लग गये। फिर वो मेरा दूध पीकर बोले। पति – ज्योति तेरे दूध तो बड़ा लाजवाब है, क्या मस्त स्वाद है!
ऐसा कहने के बाद उन्होंने अपना लन्ड का टोपा मेरी चूत पर टिका और जोरो से चोदने लग गये। उन्होंने मेरी चुदाई करीब चार बार करी। हमको करीब एक घंटा हो गया था। इसके बाद हम दोनों थक चुके थे और वही पार्क में नंगे होकर लेट गए। पता नहीं कब हम दोनों की आंखें लग गई और हम वहीँ सो गए।
कुछ समय बाद मुझे महसूस हुआ कि कोई मेरे स्तनों को दबा रहा है। मैंने भरी नींद में आंख खोल कर देखा तो मैं चौक गई, वह और कोई नहीं हमारी कॉलोनी का चौकीदार उस्मान था। उसके शरीर पर एक लूंगी थी, मैं उसे देखकर अपने दोनों हाथों से अपने स्तनों को ढककर पीछे हो गई और मैं बोली।
मैं – प्लीज दूर हो जाओ और यहां से चले जाओ, मुझे अपने कपड़े पहनने दो। चोंकीदार – ज्योति मेम साहब, मैं रोज आपको देखता था और सोचता था कि आप कितनी सुंदर हो। आपके पति बड़े खुशकिस्मत हैं। आज आप पहली बार आसमान से उतरी हो, और इस हूर को नंगा देख मैं खुद को बहुत खुशकिस्मती समझ रहा हूँ।
मैं जानता हूं, आप एक इज्जत दार घर की है, इसीलिए मैं आपको लेने आया हूं कि चलो कमरे में जाकर कपड़े बदल लो। मैंने मना करा और मैं बोली – नही मैं 2 मिनट में यही बदल लूंगी। उसने मुझसे देख कर कहा – नहीं चलो कमरे में चलते हैं।
मैं उसे देख रही थी तभी मेरा ध्यान उसकी लूंगी पर गया और मैंने देखा कि उसका लंड तना हुआ था और लूंगी से बाहर आने की कोशिश कर रहा था। मुझे वहां पहनने में मुझे बड़ा अजीब लग रहा था, खैर मैं उसके साथ ही उसके कमरे में चल दी।
मैं नंगी उसके साथ उसके कमरे में पहुंच गई, जाते हि उसने कमरे का गेट लगा दिया और वो मुझसे आकर चिपक और मेरे होठों को चखने लग गया। मैं उसे रोक रही थी कि तभी मुझे एहसास हुआ कि उसका लंड मेरे शरीर से टकरा रहा है। मेरी चुदासी जोरो से धड़कने और भड़कने लग गयी थी। मैं – रुक जाओ! यह क्या कर रहे हो? “Bade Mamme Wali Aurat”
वो – मैंने तुम्हारे पति को नींद की लिक्विड सुंघा दिया है, अब वह नींद से नहीं उठेगा और हम यहां जो चाहे वो कर सकते हैं, उसे पता नहीं चलेगा। पर मैंने उसे मना कर दिया पर वो बोला – ज्योति मेमसाब, में जानता हूं की आप की एक बेटी है।
और आप उसे स्तनपान कराती हैं, पर मैं भी चाहता हूं कि एक बार मुझे भी आप अपने दूध का स्वाद चखा दो। मैं मना कर रही थी, पर वह मेरे बड़े से स्तन पर नजर टिकाए बैठा था। वो – मैंने पहली बार इतने काले गहरे और मोटे निप्पल देखे हैं, मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा हूँ।
और आपके मम्मे तो अभी भी गोल है, लटके नहीं। ये कहते ही उसने अपना मुंह मेरे निप्पल से लगा दिया, और वो एक छोटे बच्चे की तरह उसे जोरों से चूसने लग गया। देखते ही देखते उसने दोनों स्तनों का दूध खाली कर दिया। वही मैंने पास में देखा बिस्तर पर नरगिस सोई हुई करवट ले रही थी।
उस्मान ने मुझे कसकर बाहों में ले लिया और अपनी लुंगी उतार फेंक कर बोला। वो – मेमसाब एक बार मुझसे अपनी चुदवाई करवा लो, मुझ पर आपका बड़ा एहसान होगा। मैंने उसे मना कर दिया, पर अब वो कहां मानने वाला था।
उसने मुझे कस कर पकड़ा और मेरे बालों से गीली चूत पर उंगली डालकर, अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया। यह पहली बार था जब उसका मुसलमानी लंड मेरी चुत में था। फिर वो मुझे जोरो से चोदने लग गया, मैंने उससे कहा – कंडोम तो लगा लो।
वो – मैं गरीब आदमी कंडोम कहां से खरिदूंगा, मेरे पास कोई कंडोम नहीं है। मैं – अगर मैं तुम्हारे बच्चे की मां बन गई तो! प्लीज इसे बाहर निकालो। पर वह नहीं माना और बोला – मैं अपना वीर्य बाहर गिरा दूंगा। फिर वो मुझे और जोरो से चोदने लग गया। “Bade Mamme Wali Aurat”
मैं जानती थी कि इसका मोटा और लंबा लंड मेरे पति से काफी ज्यादा दर्द देगा, जो कि मुझे हो भी रहा था। वह जिस तरीके से नरगिस को चोद रहा था, उसी तरह मुझे भी अपनी गोदी में उठा कर ऊपर नीचे करने लगा और वो मुझे चोदे जा रहा था।
मेरे मम्मे उसके मजबूत सीने से टकरा रहे थे, जो की बालो से भरा हुआ था, जो की बड़ा अच्छा एहसास दे रहे थे। मैं जोरो से कराह रही थी, और मैं उसके लंड पर बहुत देर तक उछलती रही। फिर उसने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया, और वो मेरे ऊपर आकर मुझे चोदने लग गया।
मुझे उसका लंड अपने गर्भाशय पर जाता हुआ महसूस हुआ, तभी मैंने देखा कि नरगिस जाग चुकी है और मुझे देख रही है। फिर वो उठी और मोबाइल में मेरी फोटो खींचने लग गयी। मैंने उसे रोका पर वह नहीं रुकी, मुझे सोचने लगी इस मुल्ले के घर में कंडोम के पैसे नहीं है पर कैमरा वाले मोबाइल के है।
उस्मान ने मुझे करीब 25 मिनट तक लगातार चोदा और फिर वो बोला। वो – अब मेरा छूटने वाला है। मैंने उसे धक्का देने की कोशिश करी और मैं बोली – इसे बाहर निकालो। पर उसने मुझे जोरों से पकड़ के रखा था, और उसने सारा वीर्य मेरी कोख में गिरा दिया।
मैं बहुत डर गई और मैं उससे बोला – यह तुमने क्या किया… कहीं मैं तुम्हारे बच्चे की मां बन गई तो? वो – तो क्या हुआ। यह पहली बार था जब मैं किसी गैर मुसलमान मर्द से अपनी चूत में वीर्य भरवा चुकी थी। मुझे ऐसा लगा यह बहुत गलत हुआ है, पर उसका मन अभी नहीं भरा था, फिर उसने मुझे कहा। “Bade Mamme Wali Aurat”
वो – मुझे आपको एक बार और चोदना है। पर मैंने उसे मना कर दिया, पर वो नहीं माना। फिर वो मेरे दोनों मम्मो को जोरों से दबाकर मुझे चोदने लग गया, अब उसकी हर चुदाई के धक्के से मेरे बूब्स जोरों से हिल रहे थे। जिसे देखकर वो और पागल हो रहा था, मुझे उसका लंड बड़ा नुकीला सा महसूस हो रहा था।
पर आनंद भी बहुत आ रहा था। मैं उसके बालों से घिरे सीने पर हाथ फेर रही थी, और खुद को बड़ी खुशकिस्मत महसूस कर रही थी। इस बार फिर उसने वीर्य मेरी चूत के अंदर ही गिरा दिया। मैं थक गई थी इस चुदाई से, फिर उस्मान ने मेरी गांड के नीचे तकिया लगाया और कुछ देर में ऐसे ही बिस्तर पर पड़ी रही।
और नरगिस कहने लगी। नरगिस – ज्योति तू तो बड़ी रांड निकली, मेरे पति से चूत चुदवा कर, अब तू मेरी सौतन बन गई है। फिर वो मुझे मेरा ब्लाउज पेटिकोट और साड़ी दे कर, मुझे पहनने को बोलने लग गया। मैंने जैसे ही कपड़े पहने शुरू किये तो वो बोला – पैंटी नही, ये आज से नरगिस की है।
मैंने कुछ नहीं कहा और जल्दी से मैं बाहर आ गई, और बाहर जाकर मैंने देखा तो मेरा पति वहीं जमीन पर सो रहा था। मैंने उसे जगाया, पर वह नहीं जागा कुछ 10 मिनट बाद उसे होश आया। तो मैंने उसे कपड़े पहनने को कहा और हम दोनों अपने घर आ गए।
मेरे पति को मेरे इस गैर मर्द से चूदाई के बारे में कुछ नहीं पता लगा, पर मैं अपने आप को एक चौकीदार से बिना कंडोम से चुदवा कर एक सस्ती रांड सी महसूस कर रही थी। घर पर आकर मैंने देखा कि बच्ची अभी भी आराम से सो रही है, तो हम दोनों निश्चिंत होकर बिस्तर पर सो गए। अगर आपको मेरी कहानी अच्छी लगी हो तो मुझे नीचे जरूर बताएं। आगे की कहानियों में, में बताऊंगी कैसे उस्मान मेरा गलत फायदा उठाने लग गया।