New Family Sex Fantasy, Threesome Chudai, सारे बेहेनचोदो और माचोदो को मेरा प्रणाम। ये कहानी मेरी, मेरी मां की, मौसी की और पापा की है। यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं है। चलिए तो मैं कहानी की शुरुवात करता हूं। मेरा नाम मयंक है। मै पटना का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 19 साल है। मेरे घर में मैं, मेरी कामुक मां और मेरे चूदकड़ पापा रहते है। चलिए मैं इस कहानी के पात्रों से परिचय करवाता हूं। फैमिली सेक्स मौसी मम्मी को पापा एक साथ पेल रहे थे.
मेरी मां का नाम रीना है। उनकी उम्र 42 साल है पर अब भी 34 की लगती है। उनमें जो सबसे बड़ी खूबी है वो हैं उनकी बड़ी – बड़ी फूली हुई गांड, जिससे देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो सकता है। जब वो चलती है या झुकती है तो उनकी बड़ी चौड़ी और फूली हुई गांड बहूत कामुक दिखती है। किसी को भी देख के लंड पेलने का मन कर जाए।
दूसरी पात्र है मेरी मौसी जो मेरे घर के बगल में रहती है। उनका नाम मोना है। उनकी उम्र 38 साल है। उनमें दोनों खूबियां हैं, चूची भी बहुत बड़ी बड़ी और सख्त है और गांड भी मां की तरह है। मां और मौसी जब सूट पहनती है उसमे उनकी गांड बहुत बड़े बड़े लगते हैं।
तीसरा पात्र है मेरे पापा। उनका नाम रमेश है। उनकी उम्र भी 42 साल है, पर आज भी जवान लगते है। मेरे पापा बहुत ही चूदकड़ हैं। उनको जब भी मां को चोदने को मौका मिलता था चोद लेते थे, समय नहीं दखते थे , चाहे दिन हो या रात। उन्हे गांड चोदना बहुत पसंद है। कई बार मैंने उनको मेरे सामने ही मां की गांड छूते और दबाते देखा है।
अब मै अपनी कहानी पे आता हूं। यह कहानी फरवरी 2020 की है। पहले मुझे मेरी मां और मौसी की तरफ कोई आकर्षण नहीं था। पर जब मेरा ध्यान मां की गांड की तरफ जाने लगा, तब मुझे उन्हे चोदने की इच्छा होने लगी। जब भी वो नाहा के आती मै बाथरूम जाता और उनकी ब्रा और पैंटी में मूठ मारता था। फिर धीरे धीरे मै उनकी ब्रा पैंटी ढूंढ ढूंढ के उनकी नाम की मूठ मारने लगा।
एक दिन मै जब उनकी ब्रा खोज रहा तब मेरी नजर उनकी एक ब्रा और पैंटी पर गई जो लाल रंग की एकदम जालीदार ब्रा पैंटी थी और उनकी साइज से काफी छोटी भी थी। मैंने एक दिन उन्हे किसी से बात करते सुना कि वो बिकनी पापा ने उन्हे गिफ्ट की है जिससे उनकी गांड और चूची नहीं छिपती हैं। उस समय मुझे शक हुआ कि मां पापा की चुदाई अब भी चलती है।
फिर मैंने उन दोनों की हरकतों पर ध्यान देना शुरू किया। मैं देखता था मां जब किचन में रहती थी तो पापा जा कर उनकी गांड छूते और दबाते थे। मैं रोज देखता था कि उनका रूम दोपहर को बंद रहता है और मां जब रूम से निकलती थी तो उनकी ब्रा ऊपर से दिख रही होती थी और कपड़े बिखरे हुए होते थे। एक दिन मैंने देखा कि उन्होंने दरवाज़ा बंद नहीं किया है।
मैंने जैसे ही अंदर झांका मेरी आंख खुली की खुली रह गई। मां ने मैक्सी पहन कर लेटी हुई थी और पापा उन्हे किस कर रहे थे। पापा ने अपने एक हाथ से मां की मैक्सी उठाई और पैंटी के अंदर हाथ डाल कर गांड को दबाने लगे और दूसरी हाथ से मां की चूचियों को दबा रहे थे। और मां “आहह आह आह अब तड़पाओ मत मेरे राजा, अब अपना हथियार डाल भी दो। आह आह आह आह”।
फिर क्या मैंने उसी दिन सोच लिया कि अब मां की गांड जरूर मारूंगा। पापा रात में भी मां को चोदते थे पर कभी आवाज नहीं आती थी। पर उसी दिन मुझे कुछ आवाज़ आने लगी और मैं जैसे ही उनके कमरे कि ओर गया । मां चिला रही थी ” धीरे धीरे गांड मार मादरचोद दर्द हो रहा, जब से शादी हुई है तब से गांड मार रहा है। इतना बड़ा कर दिया है मार मार के।
आह आह आह आह आह आह आह आह मेरी बहन पे भी तेरी नजर है न साले मादरचोद। मैंने देखा है तू उसकी भी गांड पे हाथ मारता और चूचियों पे नजर रखता है”। फिर पापा ने कहा ” चुप साली रण्डी तू भी तो मजे ले रही है। तेरा गांड ही इतना मादक है कि क्या करू बिना दिनभर मै तीन बार चोदे रह ही नहीं पाता हूं।
तेरी बहन ही ऐसी है बार बार मेरे सामने जान बुझ के चूचियां दिखती है और गांड मटकाती। मैंने तो सोच लिया है, अब उसे भी चोदूंगा। उसकी गांड भी पेलूंगा। ये सब बात सुन कर तो मैं एकदम चौंक गया। मुझे समझ आ गया था कि मेरी गैर मौजूदगी में यहां जरूर चुदाई होती होगी। मैंने उस दिन दो बार मां के नाम कि मूठ मेरी और सो गया।
अगले दिन जब मौसी आयी तो मै उनपे और पापा पे नजर रखने लगा। मैंने कई बार पापा को मौसी की गांड पे हाथ रखते देखा और जान बूझ कर लंड छुवाते भी देखा। फिर मैं कॉलेज चला गया। उस दिन मैं कॉलेज से जल्दी घर आ गया। और जैसे ही मैं अंदर घुसा मुझे फच फच की आवाज़ आने लगी. “फैमिली सेक्स मौसी मम्मी”
और अंदर से मां की आवाज़ आ रही थी ” आह आह आह आह आह आह आह और तेज जानेमन और तेज फाड़ दो आज अपनी रानी की गांड। मोना तू उंगली कर मेरी चूत मे।” जब मैंने सुना मां ने मौसी का नाम लिया तो मै चौंक गया और समझ गया आज पापा दोनों को पेल रहे हैं। फिर मां और मौसी दोनों ने कहा “एक लंड और दो गांड और चूत कैसे सांत हो पाएगा।
क्यों न हम मयंक को भी शामिल कर ले। ताकि एक साथ दो दो लंड का भी मजा ले सके।” ये बात सुन के तो मेरी लंड सलामी देने लगी और मैंने सोचा अब अंदर जा के चोद ही डालूं दोनों रंडियों को। पर फिर पापा ने कहा ” चुप साली मादरचोद। इतने दिनों से रोज तीन बार चोदता हूं तब तुम्हें याद नहीं आई बेटे की। और वो तेरा बेटा है उसके साथ कैसे।
तब मां ने कहा “घर में दो इतनी मादक गांडे हैं। सिर्फ तू ही अकेले लेगा मादरचोद। मै आज बात करूंगी उससे। फिर मैं अचानक अंदर घुस गया और मैंने देखा मां पापा के ऊपर चढ़ के गांड मरवा रही थी उछल उछल कर और उनकी चूचियां हिल रही थी। मौसी पापा के मुंह में अपनी चूचियां चुस्वा रही थी।
ये सब देख के मेरा लंड खड़ा हो गया। लगा जा के अपना लंड मां की गांड में डाल दूं। जैसे ही सबने मुझे देखा सब चौंक गए। फिर………………….. दोस्तों आगे की कहानी अगली भाग में सुनाऊंगा तब तक अपने लंडों और चूत़ों को तैयार रखो। कृप्या कोई मां को चोदते की कोई टिप्स के लिए मेल करें। मेल आईडी – [email protected]