मेरी कुंवारी चूत में ऊँगली डालने लगा

आप सब ठीक होंगे आज में आपके सामने मेरी पहली कहानी लिखने जा रही हु मे क्रेजी सेक्स स्टोरी पर रोजाना कहानी पढ़ती हु तो सोचा क्यों ना आज मे अपनी कहानी भी लिखूँ, दोस्तो मेरा नाम निम्मी है और मे जयपुर मे रहती हु आज मेरी उम्र 32 साल की है. Virgin School Girl Sex

मेरे बोबो का साइज उस वक़्त 28 था जो अब 36 हो गया मे देखने मे सुंदर और भरे हैं शरीर की हु, मेरी शादी हो चुकी है और मेरे बच्चे भी है. मेरे घर मे 2 भाई और मम्मी पापा और मे हु मम्मी पापा और भाईयो की लाडली होने के कारण मुझे बचपन से ही हर चीज वक़्त से पहले मिल जाती थी, अब कहानी शुरू करते है.

मे जब 12 मे पढाई करती थी जब हमारे पास मे एक लड़का था वो भी मेरी ही स्कूल मे पढाई करता था, वो मेरे से एक क्लास आगे था तो मुझे जब कभी कोई सवाल समझ नही आता था तो मे उस से पूछ लिया करती थी और कभी कभी उसके घर भी चली जाया करती थी.

उसके और हमारे घर अच्छे संबंध थे तो कोई कुछ कहता भी नही था और उस वक़्त मेरे मन मे ऐसा कुछ था भी नही, मे जब उसके घर सवाल समझने जाती थी तो छोटी सी घघरी पहन कर जाती थी बचपन मे इतनी समझ होती नहीं.

तो जब मेरे को पढ़ता था तो उसकी नजर मेरे नीचे होती थी क्युकी मे पैर सिकोड कर बैठती थी जिसके कारण मेरी घघरी नीचे हो जाती थी जिसके अंदर से मेरी पैंटी उसको नजर आती थी मेने इतना ध्यान दिया नही, अब जब मुझे कुछ पूछना ना हो जब भी वो मेरे घर आकर मम्मी से पूछता की ऑन्टी निम्मी कहा है.

मम्मी उसको मेरे रूम मे भेज देती और यो कहता आज क्यु नही आई तो मेने कहा की आज कोई प्रॉब्लम नही थी इस लिए नही आई. उसने कहा की मे कल जो पढ़ाएँगे वो समझा देता हु तो तुम्हे आसानी होगी समझने में.

मैने भी हाँ कर दी और अपनी बूक ले आई बेग से निकाल कर, आज उसका ध्यान बूक मे कम और मेरे पैरो पर ज्यादा था जिसमे से उसको मेरी हरे कलर की प्रिंट वाली चड्डी दिखाई दे रही थी। हमारे दोनों की बाते जो हुई उसका नाम विजय था.

में- क्या हुआ?

विजय- कुछ नही हुआ!

में – कुछ नही हुआ तो कहा देख रहे हो (मुझे उसके उपर बहुत गुस्सा आ रहा था पर मजबूर थी क्युकी में पढाई मे कमजोर थी और फैल ना हो जाऊ इस लिए मजबूर थी).

विजय- कही नही मे तो ऐसे ही देख रहा था.

में- बता दो नही मम्मी को बता दूंगी.

वो डर गया और बोला तेरी चड्डी देख रहा था. उसके उपर गुस्सा तो बहुत आया पर अपने गुस्से को कंट्रोल कर लिया और उस से पूछा चड्डी को क्यों देख रहे हो?

विजय-अच्छी लगती है तुम्हारी चड्डी.

में- चड्डी को देख कर क्या मिलता है.

बात करते समय उसके पेंट मे तम्बू जैसा कुछ बन गया था, ऐसा कहते ही उसने मेरे बोबो को दबा दिया मुझे दर्द भी हुआ और दर्द के साथ एक मीठी सी गुदगुदी भी हुई मै सिरह् गई मेरे शरीर में अजीब सी हलचल मच गई.

मैने कोई विरोध नही किया जिस से उसकी हिम्मत और बढ़ गई, विजय अब मेरे बोबो की गुंधी की मेरे टी-शर्ट के उपर से नाखून से सहला रहा था और दूसरे हाथ की उंगली से मेरी चड्डी के उपर से मेरी चूत की गली मे उपर नीचे कर रहा था.

जिस के कारण मेरी चड्डी गली हो गई चूत से पानी निकलने लग गया और मुझे मजा आने लगा, उतनी देर मे मम्मी ने आवाज़ लगाई बाहर से और हम एक दूसरे से अलग हो गए भूल गए थे की हम घर मे है और कभी कोई आ सकता है हैं डर से पसीने पसीने हो गए सारा मजा गायब हो गया.

हम अलग हो गए और मम्मी रूम मे आई और बोली की मे पड़ोस वाली ऑन्टी के साथ मार्केट जा रही हु आने मे देर होगी तुम पढाई कर लो और घर का ध्यान रखना मैने हाँ कर दिया विजय बोला आप चिंता मत करो ऑन्टी आप जाओ ममी चली गई, भाई पहले ही कॉलेज गए हुए थे और पापा किसी रिस्तेदार के यहाँ मिलने गए थे.

ममी के जाने के बाद मे मकान का दरवाजा बंद कर दिया और अपने रूम मे आगयी रूम मे आते ही विजय मेरे उपर टूट पड़ा उसने मुझे होठों पर किस करना शुरू कर दिया और धीरे – धीरे मेरे गुलाबी होठों का रसपान करने लगा.

मे ना चाहते हुए भी उसका साथ देने लगी, मेरा कोई विरोध ना देख उसकी और हिम्मत बढ़ गई, धीरे धीरे वो किस करता हुआ गले पर आगया मेरे मुह से आह.. ऊ उ उ उ इस इस की आवाजे करने लगी उसने मेरा टी- शर्ट खोल दिया और मेरी जामुनी कलर की ब्रा के उपर से मेरे बोबो को दबाने लगा मे मानो जन्नत मे पहुँच गई ऐसा लग रहा था.

अब उसने मेरी घघरी को उपर कर के चड्डी के उपर से मेरी चूत को मसलने लगा मुझे बहुत मजा आने लगा, अब मे उसके सामने एक बजारू रण्डी लग रही थी, अब उसने मेरी ब्रा खोल कर मेरे बोबो को चूसने लगा मुझे बहुत मजा आने लगा आई.

उसको कहा और जोर से चुसो वो मेरे बोबो को आम की तरह चूसने लगा और चडी मे हाथ डाल कर मेरी चूत को मसलने लगा इतना मजा आरहा था की मे बता नही सकती, तभी अचानक से दरवाजे की घंटी बजी हमे फटाफट कपड़े सही किये और गेट खोल तो भाई था जो आज कॉलेज से जल्दी आ गया था.

उसके बाद विजय अपने घर चला गया और उसके घर वालो ने उसको पढ़ई के लिए बाहर भेज दिया. उसके जाने के बाद थोड़े दिन मे भी उदास रही और फिर सब भूल कर पढ़ाई करने लगी उसके बाद मे कॉलेज मे चली गई और विजय की शादी हो गई और हमारे बीच फिर कभी कुछ न हो सका पर इस आग ने मेरे अंदर चुदाई की भूख जगा दी, जल्दी मिलूँगी आपसे एक और नई कहानी के साथ कॉलेज मे क्या हुआ जब तक के लिए अपना ख्याल रखे, आपकी प्यारी निम्मी.

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